Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस गंभीर त्रासदी का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने पहलगाम हमले के मद्देनजर अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में बैठक की। बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में आतंकी हमले की निंदा करते हुए शांति की अपील की गई। पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा और जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजीविका पर हमले के असर पर चिंता जाहिर की। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस गंभीर त्रासदी का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस ने अपने प्रस्ताव में कहा, “यह अत्यंत चौंकाने वाली बात है कि भाजपा इस गंभीर त्रासदी का दुरुपयोग अपने आधिकारिक और परोक्ष सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से और अधिक वैमनस्य, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है, जबकि इस समय सबसे अधिक आवश्यकता एकता और एकजुटता की है।” पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगेे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य नेता मौजूद रहे। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बैठक के बाद पत्रकार वार्ता कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हादसे पर दुख जताते हुए समिति की बैठक में मौन रखा गया।
सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव में कहा कि यह कायराना और पूर्व नियोजित आतंकी हमला है। कांग्रेस मारे गए पर्यटकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती है। समिति ने शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता जताई और कहा कि वे इस कठिन समय में उनके साथ हैं। पार्टी ने विशेष तौर पर स्थानीय पोनीवाला (खच्चर से ले जाने वालों) और टूरिस्ट गाइडों को श्रद्धांजलि दी, जिनमें से एक ने पर्यटकों की रक्षा करते हुए जान गंवा दी।
सीडब्ल्यूसी ने सुरक्षा व्यवस्था की कमी को मुद्दा बनाया और कहा कि इन सवालों को व्यापक जनहित में उठाना आवश्यक है। पीड़ित परिवारों के साथ न्याय होते हुए देखने का यही एकमात्र रास्ता है। पार्टी ने कहा कि पहलगाम अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है। यहां त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। केंद्रशासित प्रदेश होने के नाते कानून-व्यवस्था सीधे-सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। हमले को अंजाम देने में हुई खुफिया विफलताओं और सुरक्षा चूक की व्यापक और गहन जांच की जानी चाहिए।
कांग्रेस ने अमरनाथ यात्रा की तैयारी के मद्देनजर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की मांग की। पार्टी ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को तुरंत मजबूत और पारदर्शी बनाना चाहिए। सीडब्ल्यूसी ने यह भी उल्लेख किया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजीविका को सुरक्षित रखना आवश्यक है। पार्टी ने कहा, “श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के उन लोगों की आजीविका की भी रक्षा की जानी चाहिए, जिनका जीवन पर्यटन पर निर्भर करता है। यह कार्य पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए।”